तेजस्वी यादव ने खुद को ‘महागठबंधन’ का सीएम चेहरा घोषित किया

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने के साथ ही राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावा पेश किया है। उन्होंने गरीबों और वंचितों पर केंद्रित सरकार का वादा किया है। यह घोषणा कांग्रेस-राजद गठबंधन के भीतर तनाव के बीच की गई है, क्योंकि कांग्रेस ने तेजस्वी को गठबंधन का चेहरा मानने से इनकार कर दिया है, जबकि कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने की पुष्टि की है।
मुसहर भुइयां महारैली सह संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए तेजस्वी ने सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता का जोरदार तरीके से जिक्र किया और उन्हें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की “मूल विचारधारा” बताया। उन्होंने कहा, “हमारी लड़ाई समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मुख्यधारा में लाने की है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री चुने जाते हैं, तो उनकी प्राथमिकता झुग्गी-झोपड़ियों और नालों के पास रहने वालों के लिए पक्के घर सुनिश्चित करना होगी।
तेजस्वी ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव की विरासत पर भी विचार करते हुए कहा कि किसी अन्य मुख्यमंत्री ने गरीबों के लिए इतना कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, “लालू जी ने पटना के प्रमुख इलाकों में उन लोगों को पक्का घर दिया, जिनके पास घर नहीं थे। उन्होंने गरीबों को बसाया, आज की सरकार उन्हें उखाड़ फेंकना चाहती है।” उनकी टिप्पणी पर बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने तालियाँ बजाईं, जिनमें से कई हाशिए पर पड़े मुसहर समुदाय से हैं।
अपने रुख की पुष्टि करते हुए तेजस्वी ने इस बात पर जोर दिया कि गरीब ही लोकतंत्र के असली मालिक हैं। उन्होंने भूमि वितरण और गरीबी उन्मूलन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “आपकी वजह से ही लोग विधायक और सांसद बनते हैं। सरकार को आपके लिए काम करना चाहिए, आपके खिलाफ नहीं।”
भाजपा पर सीधा निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि पार्टी ने 20 साल तक शासन किया, जिसके दौरान अमीर और अमीर होते गए जबकि गरीब पीड़ित रहे। उन्होंने दावा किया, “उन्होंने गरीबों के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया।” उनकी टिप्पणी पिछड़े और हाशिए पर पड़े समुदायों को लामबंद करने के स्पष्ट प्रयास को दर्शाती है, जो लंबे समय से राजद का पारंपरिक मतदाता आधार रहा है।